उत्तराखंड त्रासदी: प्रशासनिक अक्षमता एवं अपर्याप्त राहत कार्य

अखिल भारतीय जनवादी विज्ञान नेटवर्क से श्री डी. रघुनन्दन और न्यूस्क्लिक से श्री प्रबीर पुरकायस्थ ने उत्तराखंड में आई बाढ़ उपरांत सरकार के द्वारा पहुचाए राहत कार्य एवं पर्यावरण पर बिना किसी योजनाबद्ध तरीके से किये गए विकास कार्य के दुष्प्रभाव पर चर्चा की।

श्री रघुनन्दन ने प्रशासनिक अक्षमता को अपर्याप्त राहत कार्य के लिये दोषी ठहराया। तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित निकालने के बाद राहत कार्य धीमा हो चला जिसके कारण स्थानीय निवासियों की उपेक्षा हुई है। विकास के नाम पर अंधाधुन्द निर्माण कार्य से पहाड़ी क्षेत्र में अस्थिरता उत्पन्न हुई है। आर्थिक उदारीकरण के अंतर्गत जिस प्रकार पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान मे न रखते हुए, निजी कंपनियों को उर्जा उत्पादन के क्षेत्र में खुली छूट मिली है, उससे उत्तराखंड पे और भी बुरा असर पड़ेगा।